Sunday, January 11, 2009

संगीत की दुनिया में कुछ लोग अपनी मधुर आवाज की ऐसी छाप छोड़ जाते हैं जिन्हें बमुश्किल से बिसारा नहीं जा सकता। बदलते वक्त के साथ बहुत कुछ परिवर्तित हो जाता है। लेकिन जो नहीं बदलता वह है इन संगीत महारथियों के प्रति सम्मान की भावना। आखिर में जब संगीत का मतलब सिर्फ मनोरंजन हो जाए तो वो गीत ‘मेरे देश की धरती पर लोगों के आंखों का पानी बरबस झलक जाता है जो मनोरंजन के अलावा भी बहुत कुछ पुकारता और संदेश देता है। राष्ट्रीय पर्व पर गाए जाने वाले ये गीत पान की दुकान से लेते हुए सरकारी प्रतिष्ठानों की प्राचीर से जब गूंजता है तो मानों महेन्द्र कपूर की आत्मा के लिए सबसे सम्मानित श्रंद्धाजलि देश अर्पित कर रहा हो। किसानों के सम्मान में जो गीत महेन्द्र कपूर ने गाए वो शायद अब बीती बात हो गई है। सबकी पसंद का संगीत जब कुछ तक ही सिमट जाए तो ऐसे में उस गीत का महत्व और भी बढ़ जाता है, ‘मैं भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूंज् जिसमें भारत गाता है और देश सुनता है। जिस देश का संगीत सार्वभौमिक हो उसे रिमिक्स, डीजे या कहें पाश्चात्य थिरकन से कैसे मापा जा सकता है।
संगीत को कैसे सहजता से स्वीकारने लायक बनाया जा सकता है यह महेंद्र कपूर के गाए गीतों से अदांजा लगाया जा सकता है। संगीत वही जो दिल के आंसू को झलकने पर मजबूर कर दे और मन में ऐसे समा जाए मानों भावों के आवेग को कोई दिशा मिली हो जसे। इस संगीत के हीरो को सत् सत् नमन्।
महेन्द्र कपूर का जन्म 9जनवरी 1934 को पंजाब के अमृतसर शहर में हुआ था। महेंद्र कपूर को पहली बार उस समय शोहरत मिली जब उन्होंने एक राष्ट्रीय गायन प्रतियोगिता में सफलता हासिल की। महेंद्र कपूर ने मोहम्मद रफी, किशोर कुमार व मुकेश जसे गायकों की मौजूदगी में अपने लिए एक अलग मुकाम बनाया। महेंद्र कपूर मोहम्मद रफी के बहुत बड़े प्रशंसक थे। वे हमेशा उनसे कुछ न कुछ सीखने जाया करते थे। पद्मश्री सहित अनेक सम्मान से नवाजे गए इस महान गायक ने अपने करियर की शुरुआत 1958 में वी.शांताराम की फिल्म ‘नवरंगज् से की। इन्होंने भारतीय सिनेमा में हिन्दी के अलावा गुजराती और मराठी सहित अन्य भाषाओं में 25,000 से भी अधिक गीत गाए। महेंद्र कपूर के लिए 60 का दशक काफी सुनहरा रहा। उस दौरान उनके गाए अनेक गीत सुपरहिट हुए। महेंद्र कपूर के प्रसिद्ध गीतों में प्रमुख है ‘नीले गगन के तलेज् (हमराज),‘चलो इक बारज् (गुमराह), ‘मेरे देश की धरती
(उपकार),‘और नहीं बस और नहींज्(रोटी कपड़ा और मकान),‘भारत का रहने वाला हूंज् (पूरब और पश्चिम),‘फकीरा चल चला चलज्(फकीरा),‘वो मेरा प्यार हैज्(ये रात फिर ना आएगी), ‘तेरे प्यार का आसराज् (धूल का फूल ) और ‘अब के बरस तुङो धरती की रानीज् (क्रांति) प्रमुख है। भारतीय सिनेमा में देशभक्ति गीतों के लिए मशहूर महेंद्र कपूर ने मनोज कुमार और बी.आर चोपड़ा की कई बड़ी फिल्मों में गीत गाए। मनोज कुमार को भारत कुमार की पहचान दिलाने में महेंद्र कपूर की प्रमुख भूमिका रही। इस महान गायक ने 27 सितम्बर 2008 को अंतिम सांस ली। इंसान की सांस तो कभी न कभी जरूर थम जाती है लेकिन उनके गीत की आवाज हमेशा अमर रहेगी।
रत्नाकर नाथ मिश्र